Kaash Aisa Koi Manzar Hota / काश ऐसा कोई मंज़र होता Lyrics in Hindi
काश ऐसा कोई मंज़र होता मेरे काँधे पे तेरा सर होता जमा करता हुआ जो मैं आये हुए संग सर छुपाने के लिए घर होता इस बुलंदी पे बहोत तनहा हूँ काश मैं सब के बराबर होता उसने उलझा दिया दुनिया में मुझे वरना एक और कलंदर होता #Ghazal Kaash Aisa Koi Manzar Hota Lyrics … Read more